Selasa, 17 Oktober 2017

NASA ki khoj by M.R.R

"ग्रहों की नई खेप में 10 पृथ्वी जैसे
1/4ग्रहों की नई खेप में 10 पृथ्वी जैसे पृथ्वी के बाहर जीवन खोजने की कोशिश में एक नई सफलता हाथ लगी है। केप्लर स्पेस टेलिस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों को 219 नए ग्रहों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिसमें से 10 ग्रह पृथ्वी के आकार के हैं। इन ग्रहों की परिस्थितियां भी पृथ्वी जैसी हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इन 10 ग्रहों पर जीवन हो सकता है। नासा ने पृथ्वी से बाहर जीवन की खोज के लिए वर्ष 2009 में केप्लर स्पेस टेलिस्कोप की स्थापना का प्रक्षेपण किया था। इस टेलिस्कोप ने ग्रहों की नई खेप की खोज की है। इस खेप में 219 नए ग्रह पाए गए हैं, जिनमें 10 हमारी पृथ्वी के आकार के हैं। केप्लर टेलिस्कॉप ने अपने सर्च परिणाम पर शोध करके अंतिम परिणाम में कहा कि इन 10 ग्रहों पर जीवन की उम्मीद लगाई जा सकती है, क्योंकि यह ग्रह अपने सूर्य से उतनी ही दूरी पर मौजूद हैं जितना की पृथ्वी अपने सूर्य से दूरी पर मौजूद है। शोधकर्ता के मुताबिक अगले एक वर्ष के दौरान नासा इन ग्रहों पर और भी बखूबी जानकारी दे पाएगा। यह ग्रह हमारे ग्रह से 1,700 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। इसका नाम ङडक 7711.01 दिया है। 2/4संभावित ग्रहों की संख्या 4000 के पार संभावित ग्रहों की संख्या 4000 के पार नासा द्वारा किए गए एक ट्वीट में पाया गया कि वैज्ञानिकों ने 219 नई संभावित दुनिया खोज निकाली है। जिसके बाद हमारे सौर मंडल में मौजूद संभावित ग्रहों की संख्या 4000 के पार पहुंच गई है। इनमें से 2,335 एक्सोप्लेनेट को अन्य एजेंसियों और शोधकर्ताओं द्वारा प्रमाणित भी किया जा चुका है। इसमें से अब तक 21 पृथ्वी के आकार के ग्रह हैं जिनकी कक्षा भी पृथ्वी की तरह समान है। केप्लर द्वारा खोजे गए ग्रह केप्लर को वर्ष 2009 में अंतरिक्ष में स्थापित किया गया और यह पृथ्वी के साथ सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। चार सालों के अंदर इस टेलिस्कोप ने 2,00,000 सितारों के आस-पास मौजूद ग्रहों की जानकारी इकट्ठा करनी शुरू कर दी थी। इस टेलिस्कॉप को लॉन्च करने का मकसद था कि हजारों प्रकाश वर्ष दूर जहां इंसानों द्वारा तैयार किए गए अंतरिक्ष यान नहीं पहुंच सकते हैं, वहां की जानकारी इकट्ठा करना है। साथ ही वहां पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज करके पता लगाए कि उस ग्रह पर जीवन मौजूद है या नहीं। ऐसे में हजारों प्रकाश वर्ष दूर मौजूद ग्रहों की जानकारी से अनजान रह जाते। ऐसे में केप्लर टेलिस्कोप को लेकर आया गया। 3/4कैसे पकड़ता है सिग्नल कैसे पकड़ता है सिग्नल केप्लर कई हजार प्रकाश वर्ष दूर मौजूद ग्रहों के डिस्क्रीट सिग्नल्स को पकड़ता है, इसके लिए वह तारों के अपने ग्रहों के सामने आने पर कम होते प्रकाश का प्रयोग करता है। इसे ट्रांजिट के तौर पर भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया से शोधकर्ता ग्रह का आकार और तारे से उसकी दूरी का पता लगाते हैं। इसके लिए टीम हर एक सिग्नल की बारीकी से जांच करता है। गौर करने वाली बात यह है कि केप्लर द्वारा खोजे गए अधिकतर ग्रह वरुण ग्रह की तरह ही है। हब्बल टेलिस्कोप वर्ष 1990 में हब्बल टेलिस्कोप को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया था। यह पहला अंतरिक्ष टेलिस्कोप था। उस समय की बात करें तो यह सबसे बड़ा और बहुआयामी काम करने वाला टेलिस्कोप था। इसका नाम एस्ट्रोनोमर एडविन हब्बल पर रखा गया। इस टेलिस्कोप की लंबाई 7.9 फुट थी। इसकी मदद से सैकड़ों प्रकाश वर्ष दूर मौजूद ग्रहों की हाई रेजोल्यूशन वाली फोटो क्लिक की गई। एक ही तारे की परिक्रमा कर रहे सात पृथ्वी जैसे ग्रह ग्रहों की इस खोज में सबसे बड़ी और दिलचस्प बात तब सामने आई जब एक ही तारे की परिक्रमा करने वाले धरती के आकार के सात ग्रहों को खोज निकाला गया। इन ग्रहों की दूरी 40 प्रकाश वर्ष आंकी गई है। इन ग्रहों की सतह पर पानी होने की संभावना दिखाई दी है। ऐसा पहली बार हुआ था कि एक ही तारे की परिक्रमा करने वाले इतने सारे ग्रह मिले। 4/4पृथ्वी जैसा मगर 30 दिन काटता है चक्कर पृथ्वी जैसा मगर 30 दिन काटता है चक्कर साल 2010 में ग्लीस 581 जी नाम का ग्रह खोजा गया था जो चट्टानों से बना था। यह ग्रह धरती से 20 प्रकाश वर्ष दूर है और धरती से 2 से 3 तीन गुना बड़ा है। ग्लीस 581g ग्रह अपने सितारे का चक्कर 30 दिन में काटता है। जबकि ग्लीस 667g सुपर अर्थ का तमगा मिला और यह धरती से सिर्फ 22 प्रकाश वर्ष दूर है। आकार में यह ग्रह भी धरती से बहुत बड़ा है। इसका आकार धरती से 4.5 गुना बड़ा है लेकिन धरती से सबसे दूर मिलता जुलता ग्रह है । ठंडा है यह तारा TRAPPIST-1 नाम के एक बेहद ठंडे और छोटे से तारे के आसपास ये सात ग्रह मिले थे। खास बात यह है कि तीन ग्रहों की सतह पर समुद्र होने की संभावना भी जताई गई है। इन ग्रहों के बारे में अनुमान है कि इनकी सतह का तापमान जल को तरल स्थिति में रहने देने के लिए अनुकूल है। यहां तक कि इन ग्रहों की परिस्थितियों का आकलन जीवन के लिए आदर्श माना जा रहा है। केप्लर खोजा चुका है पृथ्वी का जुड़वा ग्रह 2009 में लॉन्च करने के दो साल बाद यानी वर्ष 2011 में ही वैज्ञानिकों को वे तस्वीरें मिल गईं, जो अब तक की सबसे उत्साहित करने वाली बताई गईं। ऐसे ग्रह का पता चल रहा है, जो पृथ्वी से ढाई गुना बड़ा होगा। तापमान 22 डिग्री के आस पास यानी पानी न तो जमेगा और न ही खौलेगा। दिन वसंत ऋतु के किसी दिन की तरह खुशगवार होगा। उसकी स्थिति ऐसी जगह है, जहां पानी होने की पूरी संभावना दिख रही है यानी उस ग्रह में वह सारे गुण हैं, जो पृथ्वी में हैं और जिसके आधार पर जीवन की कल्पना की जा सकती हैं। केप्लर को सम्मान देते हुए ग्रह का नाम रखा केप्लर-22बी रखा गया था।" - ग्रहों की नई खेप में 10 पृथ्वी जैसे http://rajeshkumarmrr.com
Stave Derrick

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