Selasa, 31 Oktober 2017
Sabtu, 21 Oktober 2017
Jumat, 20 Oktober 2017
Rabu, 18 Oktober 2017
Short story on friendship by Rajesh Kumar M.R.R
सबसे सच्चा रिश्ता “दोस्ती” – Short Story on Friendship
एक युद्ध में, एक सैनिक अपने जख्मी दोस्त को अपने क्षेत्र में लाने की कोशिश कर रहा था। उसके कप्तान ने कहा, “ वो अभी किसी काम का नहीं! तुम्हारे दोस्त को मरना होगा।” लेकिन सैनिक फिर भी जाता है और अपने दोस्त को वापिस लेके आता है।
दोस्त का मृत शरीर देखकर, कप्तान कहता है, “मैंने तुमसे कहा था की अब यह किसी काम का नहीं, वह मर चूका है।”
तभी वह सैनिक नम आखो से जवाब देता है,
“नहीं सर, यह मेरे लिए बहोत कीमती है……
जब मैंने उसे ढूंडा तब मेरे दोस्त ने मुझे देखा, मुस्कुराया और उसने अपने अंतिम शब्द कहे :
“मै जानता था की तुम जरुर आओगे”………….
ऐसी कीमती, सच्ची और मजबूत दोस्ती आज हमें बहोत कम देखने मिलती है….
जीवन में सच्चे दोस्त, जब आपको उसकी जरुरत होती है तब हमेशा आपके साथ रहते है।
दोस्ती की कई महान कहानिया हमें इतिहास में दिखाई देती है। कई लोगो ने दोस्ती में अपनी जान तक गवई है। कहा जाता है माता-पिता के बाद अगर कोई किसी को पास से जान सकता है तो वो “दोस्त” ही है। जीवन में कई बार हम ऐसी मुश्किलों में फसे होते है,
जिस समय हम किसी से सहायता नहीं ले सकते, उस समय दोस्त हमारी सहायता करता है। दोस्त वाही होता है जो हमारे दिल की बातो को जान लेता है।
निश्चित ही अगर हमारा दोस्त हमारे साथ हो तो हम बड़े से बड़ी चुनौती को भी आसानी से पार कर सकते है।
By Rajesh Kumar mrr
Love story sad
कहानी जो दिल को छु जाये एक Couple
(युगल) को शादी के 11 साल बाद एक लड़का हुआ। वे बहोत ही प्रेमी Couple थे और उनका लड़का उनकी आखो का तारा था। एक सुबह, जब वह लड़का तक़रीबन 2 साल का था,
पति ने (लड़के के पिता) एक दवाई की बोतल खुली देखि।
उसे काम पर जाने के लिए देरी हो रही थी इसलिए उसने अपनी पत्नी से उस बोतल को ढक्कन लगाने और अलमारी में रखने कहा।
लड़के की मम्मी रसोईघर में तल्लिन थी,
वो ये बात पूरी तरह से भूल गयी थी।
लड़के ने वो बोतल देखि और खेलने के इरादे से उस बोतल की ओर गया,
बोतल के कलर ने उसे मोह लिया था इसलिए उसने उसमे की दवाई पूरी पी ली थी।
उस दवाई की छोटे बच्चो को छोटी सी मात्रा भी जहरीली हो सकती थी।
जब वह लड़का निचे गिरा, तब उसकी मम्मी उसे जल्द से जल्द दवाखाने ले गयी जहा उसकी मौत हो गयी। उसकी मम्मी पूरी तरह से हैरान हो गयी थी, वह भयभीत हो गयी थी,
के कैसे वो अब अपने पति का सामना
जब लड़के के परेशान पिता दवाखाने में आये तो उन्होंने अपने बेटे को मृत पाया और अपनी पत्नी और देखते हुए सिर्फ चार शब्द कहे।
आपको क्या लगता है कोनसे होंगे वो चार शब्द? पति ने सिर्फ इतना ही कहा- “ I Love You Darling”.
उसके पति का अनअपेक्षित व्यवहार आश्चर्यचकित करने वाला था। उसका लड़का मर चूका था। वो उसे कभी वापिस नहीं ला सकता था।
और वो उसकी पत्नी में भी कोई कसूर नहीं ढूंड सकता था।
इसके अलावा, आगे उसने खुद ने वह बोतल उठाके बाजू में रख दी होती तो आज उसके साथ यह सब न होता।
वो किसी पर भी आरोप नहीं लगा सकता था। उसकी पत्नी ने भी उनका एकलौता बेटा खो दिया था।
उस समय उसे सिर्फ अपने पति से सहानुभूति और दिलासा चाहिये थी।
और यही उसके पति ने उस समय उसे दिया। कभी-कभी हम इसी में समय व्यर्थ कर देते है की परिस्थिती के लिए कोन जिम्मेदार है ?
या कोण आरोपी है ? ये सब हमारे आपसी रिश्तो में होता है। जहा जॉब करते है वहा या जिन लोगो को हम जानते है उस सभी के साथ होता है,
और परिस्थिती के आवेश में आकर हम अपने रिश्तो को भूल जाते है और एक दुसरे का सहारा बनने के बजाये एक दुसरे पर आरोप लगाते है।
कुछ भी हो जाये, हम उस व्यक्ति को कभी भी नहीं भूल सकते जिसे हम प्रेम करते है, इसीलिए जीवन में जो आसान है उसे प्रेम करो। आपके पास अभी जो है उसे जमा करो। और अपनी तकलीफों को विचार कर-कर के बढ़ाने के बजाये उन्हें भूल जाओ।
उन सभी चीजो का सामना करो जो आपको अभी मुश्किल लगती है या जिनसे आपको डर लगता है सामना करने के बाद आप देखोंगे के वो चीजे उतनी मुश्किल नहीं है जितना की आप पहले सोच रहे थे। हमें परिस्थिती को समझकर ही लोगो के साथ व्यवहार करना चाहिये, और लोगो कठिन परिस्थितियों में उनका हमदर्द बनना चाहिये।
Sad love story by Rajesh Kumar M.R.R
Story by Rajesh Kumar M.R.R
College Love story by Rajesh Kumar M.R.R
Love sad story by Rajesh Kumar M.R.R
Love story girl by Rajesh Kumar M.R.R
उस लड़के से मिलने से पहले मेरे जीवन में कुछ खोखलापन सा था, एक अजीब सा खालीपन था. जिसे आजतक मेरे अलावा किसी ने महसूस नहीं किया था. क्योंकि मैं स्वभाव से बहुत चंचल थी, इस कारण मैं कॉलेज और घर में लोगों से घिरी रहती थी. इसके बावजूद कि मैं बहुत बोलती थी, मेरे जीवन का एक दूसरा पहलु भी था. और जीवन के उस हिस्से में आने की इजाजत मैंने किसी को नहीं दी थी. बाहर से खुश दिखाई देने वाली लड़की जिसे लोग हर पल हसंते-खिलखिलाते देखते थे, उसके बारे में ये अंदाजा तक नहीं लगाया जा सकता था कि वो अंदर से इतनी अकेली होगी, ढेर सारे दर्द अपने भीतर समेटे हुए होगी. मैं खुश होने का दिखावा तो करती थी, लेकिन अंदर से खुश नहीं थी. बस एक मुखौटा पहनकर जिंदगी बिताये जा रही थी. मैंने अपने आस-पास एक घेरा सा बना लिया था. कोई भी मेरे द्वारा बनाए गए दायरों को नहीं तोड़ सकता था. मुझे इस बात पर यकिन नहीं हो रहा था कि वो लड़का मेरे बनाए गए दायरों को तोड़कर मेरी सोच में समाता चला जा रहा है. शुरू-शुरू में उससे बात करना महज एक औपचारिकता थी. सहपाठी होने की वजह से मेरी और उसकी अक्सर थोड़ी-बहुत बातचीत होती रहती थी. लेकिन मुझे इस बात का इल्म तक नहीं था कि वो मुझे मन ही मन पसंद करता था, मुझसे दीवानों की तरह प्यार करता था. ये अलग बात थी कि आज तक उसने इस बात को मेरे सामने कभी जाहिर नहीं होने दिया था. मुझे छोटी से छोटी तकलीफ होने पर, उसे मुझसे ज्यादा दर्द होता था. कोई ऐसे भी किसी को चाह सकता है यकीन करने में बहुत वक्त लगा. लेकिन समय के साथ मुझे इस बात का एहसास हो गया कि ये लड़का मेरी चिंता करता है, मेरा ख्याल रखता है. उसके प्यार में पागलपन था. मेरी ख़ुशी के लिए वो कुछ भी कर देता था. उस लड़के ने बिना इस बात का जिक्र किये कि उसे मुझसे बातें करना अच्छा लगता है, मेरे साथ वक्त बिताना अच्छा लगता है, बड़ी ही चालाकी से मुझसे दोस्ती के लिए पूछा. उस दिन हम दोनों कॉलेज जल्दी आ गए थे और क्लास में कोई नहीं था- ‘’ उसने पूछा क्या मैं तुम्हारा हाथ पकड़ सकता हूँ ‘’. पहले तो मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि आज इस लड़के को क्या हो गया है ये इस तरह की बातें क्यों कर रहा है. लेकिन मुझे उसपर पूरा भरोसा था कि वो कोई गलत काम नहीं करेगा. उसकी आँखों में सच्चाई थी और ये बात मैं साफ़-साफ़ देख सकती थी. उसने इतनी Honestly मेरा हाथ माँगा कि मैं उसे मना नहीं कर पाई और मैंने उसे अपना हाथ दे दिया. उसने मेरा हाथ अपने हाथों में लिया और कहा, क्या तुम मेरी दोस्त बनोगी तुम मुझे अच्छी लगती हो और मैं तुममें एक अच्छा दोस्त देखता हूँ, अच्छा इंसान देखता हूँ और मैं चाहता हूँ कि मैं जिंदगी भर तुम्हारा दोस्त बनकर तुम्हारे साथ रहूँ.’’ उसने इतनी ईमानदारी से अपनी इस बात को मेरे सामने रखा कि मैं ना नहीं कर पाई और मैंने हाँ कर दिया. उस दिन उसने बस इतना हीं कहा और चला गया. मुझसे दोस्ती करने की खुशी मैं साफ़-साफ़ उसके चेहरे पर देख सकती थी. मुझे ये सोच कर दिन भर बहुत हंसी आ रही कि किस तरह से डरते-डरते उसने मेरा हाथ पकड़ा था. मैं अच्छी तरह से उसकी कांपती हाथों को महसूस कर सकती थी. और पूरे दिन उस वाकये को याद करके मुझे हंसी आ रही थी, मैं अकेले में भी बिना बात के हँसे जा रही थी.   मेरे आस-पास रहने वाले लोग ये देख कर समझ गए थे कि जरुर कोई बात है. इस लड़की को कुछ तो होने लगा है. अब हम दोनो दोस्त बन गए थे और उसने किसी भी वक्त फोन पर बात करने की इजाजत मांग ली थी. अब उससे बात करना मुझे भी अच्छा लगने लगा था, मेरे अंदर क्या चल रहा था मुझे समझ में नहीं आ रहा था. क्यों मैं उसके फोन का इंतज़ार करने लगी थी ? न जाने क्यों मैं उसकी ओर खिंची चली जा रही थी ? क्यों अब हर पल मेरा दिल उसका साथ चाहता था, न जाने क्यों मैं अब खुली आँखों से भी उसी के सपने देखने लगी थी. क्यों मैं अब दिन-रात उसी से बातें करना चाहती थी. अब उससे अपनी बातें share करना मुझे अच्छा लगने लगा था. जब भी मैं उदास होती किसी को पता चले ना चले उसे पता चल जाता था, चाहे वह मेरे सामने हो या न हो. और वह मेरी उदासी को दूर करने का हर संभव प्रयास करता था. मुझे खुद पर गर्व होने लगा था.  एक दिन उसने मुझसे I Love You कहा, मुझे वक्त लगा… लेकिन मैंने भी अपने प्यार का इजहार कर दिया. मुझे भी अपनी जिंदगी में प्यार का इंतजार था. मैं भी प्यार को हर पल जीना चाहती थी, आगे क्या होगा इसकी चिंता न उसे थी, न मुझे. हम दोनों का सारा समय एक-दूसरे के साथ बीतने लगा. हम दोनों एक-दूसरे का साथ पाकर मानो पूरी दुनिया से कट गए थे. मैं कह सकती हूँ, उसके साथ बिताये गए एक-एक पल मुझे हमेशा याद रहेंगे. मैं कितनी खूबसूरत थी, ये उसने हीं बताया था. मेरी जुल्फें उसे बहुत खूबसूरत लगती थी. मेरी कमियाँ भी उसे मेरी खूबी लगती थी. मेरे हर जन्मदिन पर मुझसे ज्यादा खुश होना, मेरे ऊपर हजारों रुपए मना करने के बावजूद खर्च कर देना, वो दीवाना था मेरा. उसने भी मुझे अपना दीवाना बना लिया था. बाइक पर अक्सर घूमने निकल जाना, कॉलेज बंक करके फिल्म देखने जाना, ये सब हमें अच्छा लगने लगा था. उसकी पूरी दुनिया बन गई थी मैं, मेरी पूजा करता था वो. मेरे लिए किसी से पंगा लेने से पहले बिल्कुल नहीं सोचता था वो. दिन तेजी से बीतने लगे, हम दोनों दुनिया को भूल चुके थे. प्यार के उस दौर ने हम दोनों को भीतर से बदल दिया था. हमने प्यार की ढ़ेरों कसमें खाई, और ढ़ेरों वादे किए. हम दोनों प्यार के इस दौर को जी भर कर जी लेना चाहते थे.  Real Love Story in Hindi वक्त ने करवट लिया, मेरे पिताजी ने 20-21 साल की कम उम्र में हीं मेरी शादी पक्की कर दी. मुझे अब उसे या अपने परिवार को चुनना था. मैंने कभी सोचा हीं नहीं था कि जल्द हीं मेरे सामने ये मजबूरी आ जाएगी. अंदर से मेरा हाल भी बेहाल था, लेकिन वह मुझसे ज्यादा बेहाल था. वह किसी भी हद तक जाने को तैयार था, मेरा साथ पाने के लिए. लेकिन मैं जानती थी, कि अगर मैं घर से भाग जाती हूँ तो मेरे घर वालों का जीना मुश्किल हो जाएगा. कड़े मन से मैंने उसके साथ जाने से इंकार कर दिया. वह हर दिन सैंकड़ो बार कोशिश करता कि मेरे फैसले को बदल पाए, लेकिन मैं नहीं मानी. मेरी शादी हो गई, हर कोई खुश था…. उस लड़के के सिवा. आखिर वो खुश होता भी तो कैसे, उसने मुझे अपनी पूरी दुनिया जो बना लिया था. गलती मेरी हीं थी, मुझे उसे पहले हीं रोक देना चाहिए था. जब वो अपना सबकुछ मुझ पर लूटा रहा था. मुझे उसे दुःख देने का कोई हक नहीं था. अपनी शादी के बहुत महीनों के बाद मेरी उससे मुलाकात हुई. उसने अपना हाल बेहाल कर लिया था. ऐसा लग रहा था मानो उसमें कोई जान हीं नहीं है, हंसना तो वह भूल हीं गया अ. उसने कहा कि वो मुझसे मिलने से पहले भी अकेला था और मेरे जाने के बाद फिर अकेला है.  वो कहता है, कि प्यार की लड़ाई तो वो हार गया है, पर प्यार की जंग जरुर जीतेगा वो. वो कहता है कि, तुम भले मेरा साथ न दे सको, मेरा प्यार तो मेरे साथ है न. मेरे प्यार के सहारे उसने जिंदगी में आगे बढ़ने की ठानी है. उस दिन उसने कहा कि उसका प्यार सच्चा है, इसलिए उसका प्यार कभी उसकी कमजोरी नहीं बनेगा. मुझे अपनी गलती का एहसास है. क्योंकि मेरा प्यार मुझे ज्यादा दुखी है, मैंने उसकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया है. मैं उस दीवाने के प्यार को सलाम करती हूँ, जिसके पास न मेरा तन है, न मेरा समय न मेरा जीवन पर अब भी वो मुझसे प्यार करता है.  पर उस दिन उसने मुझसे झूठ बोला था, शायद वह बुरी तरह टूट चुका था. जबकि उसने खुद को बहुत बहादुर दिखाने की कोशिश की थी. मुझे लगा था कि सबकुछ ठीक हो जाएगा, लेकिन सबकुछ बुरा होता चला गया. वह लोगों से दूर होता चला गया था, और लोग उससे दूर होते चले गए थे. बुरे लोगों से दोस्ती कर ली थी उसने. वह शराब, सिगरेट और ड्रग्स का आदि हो गया था. वह बुरी तरह डिप्रेशन का शिकार हो गया था. और अंत में एक दिन उसने आत्महत्या कर ली. ये था इस कहानी का अंत. मैं न तो जीते जी उसके साथ रह पाई न उसके अंतिम समय में मैं उसका साथ निभा पाई. मैं हमेशा खुद को गुनाहगार रहूंगी, उस लड़के की जिसने मुझे इतना प्यार किया, जितना कोई नहीं कर सकता है. शायद मैं उसकी जिंदगी में नहीं आती, तो आज सबकुछ अच्छा होता. शायद वो आज जिंदा और खुश होता.  हम उस दौर में जी रहे हैं हम जहाँ दुश्मन तो आसानी से पहचाने जाते हैं. लेकिन सच्चे या झूठे प्यार को पहचानना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है. Moral message of the story : प्यार कीजिए, लेकिन सोच समझकर. अंधे प्यार का अंत हमेशा बुरा होता है. अगर आप किसी का साथ जिंदगी भर नहीं दे सकते हैं, तो पहले हीं उसके प्रेम प्रस्ताव को न कह दें. प्यार में अपने कदम तभी आगे बढ़ाइए, जब आप दुनिया के सामने इसे स्वीकार कर सकें. यह मौलिक कहानी आपको कैसी लगी, यह हमें जरुर बताएँ. आपके सलाहों और सुझावों का हमें इंतजार रहेगा.
By:- Rajesh Kumar M.R.R
Selasa, 17 Oktober 2017
Breaking news by M.R.R
"सुप्रीम कोर्ट का फैसला, इस साल दिवाली पर दिल्ली में नहीं चलेंगे पटाखे by Rajesh Kumar M.R.R
नई दिल्ली: इस साल दिवाली के मौके पर दिल्ली और उसके साथ लगते इलाकों में पटाखों की बिक्री नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने एक नवंबर तक इनकी बिक्री पर बैन लगाए रखने के फैसले बरकरार रखा है। दिल्ली और एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण के चलते सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिया है ताकि दिवाली के दौरान इस पर लगाम लगाई जा सके। कोर्ट ने सितंबर में बैन हटाते हुए अपने आदेश में कहा था कि यह नवंबर से लागू होगा। साथ ही यह भी कहा था कि दिवाली के बाद बैन के प्रभाव से एयर क्वालिटी के बारे में भी पता लगेगा कि वहां कितना प्रदूषण का क्या स्तर रहता है। गौरतलब है कि हर साल दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का लेवल बढ़ जाता है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुए इस साल दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया है। आपको बता दें कि नवंबर 2016 में तीन बच्चों ने कोर्ट में याचिका दी थी। जिसमें पटाखों की बिक्री पर बैन का आदेश कायम रखने के लिए कहा गया था। इसपर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने भी याचिकाकर्ताओं का समर्थन किया था और बैन का फैसला कायम रखने पर जोर दिया था।" - सुप्रीम कोर्ट का फैसला, इस साल दिवाली पर दिल्ली में नहीं चलेंगे पटाखे http://rajeshkumarmrr.com/10_22Blp
Earth 2 NASA. By M.R.R
"मंगल का रहस्य: NASA वैज्ञानिकों ने खोजी पृथ्वी से मिलती-जुलती ये वस्तु
मंगल ग्रह से जुड़ी रिसर्च में शामिल नासा के एक यान ने लाल ग्रह पर पृथ्वी के समान दिखने वाली मिट्टी खोजी है। नासा के मंगल टोही यान (एमआरओ) ने आज इस ग्रह पर एक ऐसे संभावित स्थान की तस्वीर भेजी जहां बालू के कण बन रहे हैं। नासा के रिसर्चरों ने बताया कि दक्षिणी उच्चस्थल और उत्तरी निम्नस्थल की सीमा के पास एक गोल आकार के गडडे में काली परतों के अंदर से यह काली वस्तु निकल रही है। नीचे की तरफ झुकी धारियों से ऐसा माना जा रहा है कि ये काला निक्षेपण उसी जगह पर बना है न कि हवा द्वारा कहीं बाहर से लाया गया है। दरअसल बालू के जिन कणों से धरती और मंगल पर टिब्बा या ढेर बनता है वो अपनी यात्रा के तौर तरीके के लिहाज से बड़े खतरनाक होते हैं। हवा से लाई गई बालू सतह से टकरा कर और इधर-उधर होकर ढेर की शक्ल ले लेता है। आपको बता दें कि इस समय मंगल पर जो बालू के टीले नजर आते हैं उसके लिए जरूरी है कि जो बालू कण कालातीत में नष्ट हो गए उसके स्थान की फिर से आपूर्ति हो। वैसे मंगल पर बालू के आधुनिक स्रोत का पता नहीं है।" - मंगल का रहस्य: NASA वैज्ञानिकों ने खोजी पृथ्वी से मिलती-जुलती ये वस्तु http://rajeshkumarmrr.com
By Stave Derrick
NASA ki khoj by M.R.R
"ग्रहों की नई खेप में 10 पृथ्वी जैसे
1/4ग्रहों की नई खेप में 10 पृथ्वी जैसे पृथ्वी के बाहर जीवन खोजने की कोशिश में एक नई सफलता हाथ लगी है। केप्लर स्पेस टेलिस्कोप की मदद से वैज्ञानिकों को 219 नए ग्रहों की जानकारी प्राप्त हुई है, जिसमें से 10 ग्रह पृथ्वी के आकार के हैं। इन ग्रहों की परिस्थितियां भी पृथ्वी जैसी हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इन 10 ग्रहों पर जीवन हो सकता है। नासा ने पृथ्वी से बाहर जीवन की खोज के लिए वर्ष 2009 में केप्लर स्पेस टेलिस्कोप की स्थापना का प्रक्षेपण किया था। इस टेलिस्कोप ने ग्रहों की नई खेप की खोज की है। इस खेप में 219 नए ग्रह पाए गए हैं, जिनमें 10 हमारी पृथ्वी के आकार के हैं। केप्लर टेलिस्कॉप ने अपने सर्च परिणाम पर शोध करके अंतिम परिणाम में कहा कि इन 10 ग्रहों पर जीवन की उम्मीद लगाई जा सकती है, क्योंकि यह ग्रह अपने सूर्य से उतनी ही दूरी पर मौजूद हैं जितना की पृथ्वी अपने सूर्य से दूरी पर मौजूद है। शोधकर्ता के मुताबिक अगले एक वर्ष के दौरान नासा इन ग्रहों पर और भी बखूबी जानकारी दे पाएगा। यह ग्रह हमारे ग्रह से 1,700 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। इसका नाम ङडक 7711.01 दिया है। 2/4संभावित ग्रहों की संख्या 4000 के पार संभावित ग्रहों की संख्या 4000 के पार नासा द्वारा किए गए एक ट्वीट में पाया गया कि वैज्ञानिकों ने 219 नई संभावित दुनिया खोज निकाली है। जिसके बाद हमारे सौर मंडल में मौजूद संभावित ग्रहों की संख्या 4000 के पार पहुंच गई है। इनमें से 2,335 एक्सोप्लेनेट को अन्य एजेंसियों और शोधकर्ताओं द्वारा प्रमाणित भी किया जा चुका है। इसमें से अब तक 21 पृथ्वी के आकार के ग्रह हैं जिनकी कक्षा भी पृथ्वी की तरह समान है। केप्लर द्वारा खोजे गए ग्रह केप्लर को वर्ष 2009 में अंतरिक्ष में स्थापित किया गया और यह पृथ्वी के साथ सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। चार सालों के अंदर इस टेलिस्कोप ने 2,00,000 सितारों के आस-पास मौजूद ग्रहों की जानकारी इकट्ठा करनी शुरू कर दी थी। इस टेलिस्कॉप को लॉन्च करने का मकसद था कि हजारों प्रकाश वर्ष दूर जहां इंसानों द्वारा तैयार किए गए अंतरिक्ष यान नहीं पहुंच सकते हैं, वहां की जानकारी इकट्ठा करना है। साथ ही वहां पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज करके पता लगाए कि उस ग्रह पर जीवन मौजूद है या नहीं। ऐसे में हजारों प्रकाश वर्ष दूर मौजूद ग्रहों की जानकारी से अनजान रह जाते। ऐसे में केप्लर टेलिस्कोप को लेकर आया गया। 3/4कैसे पकड़ता है सिग्नल कैसे पकड़ता है सिग्नल केप्लर कई हजार प्रकाश वर्ष दूर मौजूद ग्रहों के डिस्क्रीट सिग्नल्स को पकड़ता है, इसके लिए वह तारों के अपने ग्रहों के सामने आने पर कम होते प्रकाश का प्रयोग करता है। इसे ट्रांजिट के तौर पर भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया से शोधकर्ता ग्रह का आकार और तारे से उसकी दूरी का पता लगाते हैं। इसके लिए टीम हर एक सिग्नल की बारीकी से जांच करता है। गौर करने वाली बात यह है कि केप्लर द्वारा खोजे गए अधिकतर ग्रह वरुण ग्रह की तरह ही है। हब्बल टेलिस्कोप वर्ष 1990 में हब्बल टेलिस्कोप को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया था। यह पहला अंतरिक्ष टेलिस्कोप था। उस समय की बात करें तो यह सबसे बड़ा और बहुआयामी काम करने वाला टेलिस्कोप था। इसका नाम एस्ट्रोनोमर एडविन हब्बल पर रखा गया। इस टेलिस्कोप की लंबाई 7.9 फुट थी। इसकी मदद से सैकड़ों प्रकाश वर्ष दूर मौजूद ग्रहों की हाई रेजोल्यूशन वाली फोटो क्लिक की गई। एक ही तारे की परिक्रमा कर रहे सात पृथ्वी जैसे ग्रह ग्रहों की इस खोज में सबसे बड़ी और दिलचस्प बात तब सामने आई जब एक ही तारे की परिक्रमा करने वाले धरती के आकार के सात ग्रहों को खोज निकाला गया। इन ग्रहों की दूरी 40 प्रकाश वर्ष आंकी गई है। इन ग्रहों की सतह पर पानी होने की संभावना दिखाई दी है। ऐसा पहली बार हुआ था कि एक ही तारे की परिक्रमा करने वाले इतने सारे ग्रह मिले। 4/4पृथ्वी जैसा मगर 30 दिन काटता है चक्कर पृथ्वी जैसा मगर 30 दिन काटता है चक्कर साल 2010 में ग्लीस 581 जी नाम का ग्रह खोजा गया था जो चट्टानों से बना था। यह ग्रह धरती से 20 प्रकाश वर्ष दूर है और धरती से 2 से 3 तीन गुना बड़ा है। ग्लीस 581g ग्रह अपने सितारे का चक्कर 30 दिन में काटता है। जबकि ग्लीस 667g सुपर अर्थ का तमगा मिला और यह धरती से सिर्फ 22 प्रकाश वर्ष दूर है। आकार में यह ग्रह भी धरती से बहुत बड़ा है। इसका आकार धरती से 4.5 गुना बड़ा है लेकिन धरती से सबसे दूर मिलता जुलता ग्रह है । ठंडा है यह तारा TRAPPIST-1 नाम के एक बेहद ठंडे और छोटे से तारे के आसपास ये सात ग्रह मिले थे। खास बात यह है कि तीन ग्रहों की सतह पर समुद्र होने की संभावना भी जताई गई है। इन ग्रहों के बारे में अनुमान है कि इनकी सतह का तापमान जल को तरल स्थिति में रहने देने के लिए अनुकूल है। यहां तक कि इन ग्रहों की परिस्थितियों का आकलन जीवन के लिए आदर्श माना जा रहा है। केप्लर खोजा चुका है पृथ्वी का जुड़वा ग्रह 2009 में लॉन्च करने के दो साल बाद यानी वर्ष 2011 में ही वैज्ञानिकों को वे तस्वीरें मिल गईं, जो अब तक की सबसे उत्साहित करने वाली बताई गईं। ऐसे ग्रह का पता चल रहा है, जो पृथ्वी से ढाई गुना बड़ा होगा। तापमान 22 डिग्री के आस पास यानी पानी न तो जमेगा और न ही खौलेगा। दिन वसंत ऋतु के किसी दिन की तरह खुशगवार होगा। उसकी स्थिति ऐसी जगह है, जहां पानी होने की पूरी संभावना दिख रही है यानी उस ग्रह में वह सारे गुण हैं, जो पृथ्वी में हैं और जिसके आधार पर जीवन की कल्पना की जा सकती हैं। केप्लर को सम्मान देते हुए ग्रह का नाम रखा केप्लर-22बी रखा गया था।" - ग्रहों की नई खेप में 10 पृथ्वी जैसे http://rajeshkumarmrr.com
Stave Derrick